ध्यान रखना होगा कि यह बदलाव अपने आप नहीं होगा। कोई भी टेक्नॉलजी आती है तो उसे लाने वाली ताकतों का फोकस उससे खुद कमाई करने पर होता है। आम लोगों को कमाई का मौका देने वाली टेक्नॉलजी लाने या उपलब्ध टेक्नॉलजी को ही आम लोगों के लिए ज्यादा लाभदायक बनाने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत पड़ती है। इसलिए अच्छा होगा कि बढ़ते डेटा ट्रैफिक पर खुश होने के बजाय हम अपना ध्यान इसके प्रॉडक्टिव इस्तेमाल को बढ़ावा देने के तरीके खोजने पर लगाएं।
डेटा ट्रैफिक से आगे
इसी हफ्ते नोकिया की ओर से जारी एक स्टडी रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत में डेटा ट्रैफिक में 60 गुना बढ़ोतरी हुई है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। एक दिलचस्प तथ्य यह भी सामने आया है कि 5जी टेक्नॉलजी भले ही अभी भारत में न आई हो, लेकिन 5जी डिवाइस खरीदने वालों की देश में कोई कमी नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक अपने यहां अभी ही 20 लाख ऐसी डिवाइस मौजूद हैं। इससे अंदाजा मिलता है कि मोबाइल टेक्नॉलजी में हो रहे बदलावों को लेकर देशवासियों में कितना उत्साह है। हालांकि पांच वर्षों के अंदर डेटा ट्रैफिक में 60 गुना बढ़ोतरी के पीछे कई फैक्टर रहे हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि इन सबके घटते-बढ़ते प्रभावों के बीच भी यह रुझान बढ़त पर ही जा रहा है। पिछले साल लॉकडाउन का दौर इसमें काफी मददगार साबित हुआ।