भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की जानकारी के अनुसार चक्रवाती तूफान ‘निवार’ अगले कुछ ही घंटों में अपने विकराल रूप में दिखाई देने वाला है। बताया जा रहा है कि चक्रवाती तूफान ‘निवार’ गुरुवार आधी रात के बाद तमिलनाडु और पुडुचेरी के बीच तट से टकराने वाला है। इस तूफान को लेकर आशंका जताई जा रही है कि तेज बारिश के बीच तूफान की गति 120-130 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी जो बढ़कर 145 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। बता दें, निवार इस साल बंगाल की खाड़ी से उठने वाला दूसरा बड़ा तूफान है। इससे पहले मई माह में अम्फन नाम का एक तूफान आया था।
#WATCH | Tamil Nadu: Strong winds blow in Chennai ahead of #CycloneNivar‘s expected landfall; visuals from Marina Beach road. pic.twitter.com/berkyc2yeo
— ANI (@ANI) November 25, 2020
कैसे पड़ा यह नाम ‘निवार’-
चक्रवाती तूफान ‘निवार’ को उसका यह नाम ईरान की तरफ से सुझाया गया है। यह 2020 में उत्तर हिंद महासागर से उठे चक्रवातों के लिए जारी नामों की सूची से इस्तेमाल किया गया तीसरा नाम है। निवार का अर्थ होता है रोकथाम करना।
क्यों रखें जाते हैं चक्रवात के नाम-
हर चक्रवात का एक नाम रखा जाता है। चक्रवातों के नाम रखने की वजह से वैज्ञानिक समुदाय, आपदा प्रबंधकों, मीडिया और आम लोगों में हर चक्रवात को अलग-अलग पहचानने में मदद मिलती है। इसकी वजह से लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाने और चक्रवात से संबंधी चेतावनी को बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलती है। यदि एक ही समय पर किसी क्षेत्र में दो चक्रवात आ जाएं तो उनके नाम की वजह से ऐसी स्थिति में किसी भी तरह की उलझन पैदा नहीं होती है। किस चक्रवात की बात हो रही है इसे आसानी से समझा जा सकता है।
चक्रवात का नाम रखते समय किन मापदंडों का पालन किया जाता है-
– चक्रवात से जुड़ा प्रस्तावित नाम किसी भी राजनीतिक पार्टी, शख्सियत, धर्म, संस्कृति और लिंग के आधार पर नहीं होने चाहिए।
– चक्रवात का नाम ऐसा होना चाहिए जिससे किसी समूह या तबके की भावना आहत न हो।
– चक्रवात का नाम सुनने में बहुत क्रूर या रुखा नहीं लगना चाहिए।
– चक्रवात का नाम कम शब्दों का और आसानी से बोला जाने वाला होना चाहिए और किसी भी सदस्य देशों के लिए आपत्तिजनक नहीं होना चाहिए।
– चक्रवात का नाम अंग्रेजी के सिर्फ 8 अक्षरों का ही होना चाहिए।