सचिन तेंडुलकर
मुंबई
दिग्गज भारतीय बल्लेबाज और ‘गॉड ऑफ क्रिकेट’ सचिन तेंडुलकर जरूरतमंदों की अकसर मदद करते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भी उन्होंने झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों की मदद की। लॉकडाउन में कई गरीब परिवारों को, खासकर झुग्गियों में रहने वाले लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
आवागमन पर लगे प्रतिबंधों के कारण परिवारों में एकमात्र रोटी कमाने वाले लोग अपने काम के लिए एक जगह से दूसरी जगह पर नहीं जा पाए। बांद्रा ईस्ट में एक एनजीओ सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोशल चेंज (सीएसएससी) ने यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि वहां 1,250 परिवारों के 6,300 झुग्गियों में कोई भूखा ना रहे।
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इस दौरान सचिन मदद को आगे आए और उनकी तरफ से परिवारों को बॉक्स उपलब्ध कराए गए। हर बॉक्स में चावल, गेहूं का आटा, अरहर की दाल, चीनी, चाय पाउडर, मसाले, नमक, नहाने और कपड़े धोने का साबुन मुहैया कराया गया।
सीएसएससी टीम के अध्यक्ष एसआई भोजराज ने कहा, ‘दैनिक वेतन भोगी, घरेलू सहायकों, फेरीवालों और अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों के परिवारों के लिए यह पहल की गई थी। वे बिना किसी वेतन के नौकरियों से बाहर थे और इस तनावपूर्ण स्थिति में उन्हें छोड़ना नहीं था। हम सचिन सहित उन सभी को धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने वंचितों और जरूरतमंद परिवारों को उदारता से दान दिया।’
सचिन तेंडुलकर-विनोद कांबली
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क्रिकेट में सचिन तेंडुलकर के किस्से हों और उनमें उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली का जिक्र ना हो…. तो फिर कहानी पूरी नहीं होती। दोनों बल्लेबाजों ने सालों तक अपनी जुगलबंदी से क्रिकेट के मैदानों पर अपनी कई कहानियां लिखी। ये दोनों खिलाड़ी अपने स्कूल डेज से एक साथ खेले और फिर यह जुगलबंदी इंटरनैशनल क्रिकेट तक पहुंची। लेकिन धीरे-धीरे कांबली क्रिकेट से दूर हो गए। दोनों की दोस्ती में कुछ अनबन भी हुई लेकिन फिर दोनों ने अपने मतभेद भुलाकर एक-दूसरे का हाथ फिर थाम लिया।
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ये दोनों ही दिग्गज खिलाड़ी पिच पर अंगद की तरह पांव जमाने में माहिर थे। इन दोनों ने कई मौकों पर अपनी दोस्ती की बात की है। दोनों ही सुलझे हुए शांत स्वभाव वाले ये दिग्गज अपने खेल के दिनों विरोधी टीम के लिए घातक माने जाते थे। 22 गज की पिच पर इनकी दोस्ती का तालमेल इनका बल्ला बताता था, जब ये टेस्ट क्रिकेट में लंबी-लंबी साझेदारियां कर विरोधी टीम को तोड़ देते थे।
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ये दोनों दिग्गज खिलाड़ी सिर्फ मैदान पर ही नहीं मैदान के बाहर भी एक दूसरे घनिष्ठ दोस्त हैं। सचिन की कप्तानी में ही सौरभ गांगुली ने टीम इंडिया के लिए ओपनिंग शुरू की थी और फिर सौरभ गांगुली टीम के कप्तान बने। दोनों खिलाड़ी हमेशा ही एक-दूसरे को खूब सम्मान देते हैं।
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श्रीलंका के ये दो दिग्गज खिलाड़ी दुनिया के लिए मिसाल हैं। इन दोनों दिग्गजों ने श्रीलंका की क्रिकेट को नए आयाम दिए। इन दोनों खिलाड़ियों को अकसर एक-दूसरे के लिए समर्पित देखा जाता है। जब संगाकारा की शादी हुई थी, तब जयवर्धने ही सब जरूरी चीजें मैनेज कर रहे थे और वहीं जब जयवर्धने ने शादी की, तो यह जिम्मेदारी संगाकारा ने निभाई।
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दिल्ली के ये दोनों खिलाड़ी रणजी क्रिकेट के दौर से ही एक-दूसरे के दोस्त हैं। दोनों ही खिलाड़ी एक-दूसरे के व्यवहार और खेल की खूब सराहना करते हैं। सहवाग ने एक बार गंभीर के लिए कहा था, ‘सुनील गावसकर के बाद टीम इंडिया के पास गौतम गंभीर से अच्छा कोई ओपनिंग बल्लेबाज नहीं हुआ।’ जब सहवाग ने इंटरनैशनल क्रिकेट से संन्यास लिया, तब गंभीर ने कहा, ‘ऐसा लग रहा है जैसे उनका एक हिस्सा सहवाग के साथ चला गया। सहवाग जैसा कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं होगा।’
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क्रिकेट के दो महान खिलाड़ी, अपने काउंटी क्रिकेट से ही एक-दूसरे के साथ रहते थे। समरसेट के लिए खेलने वाले ये दोनों दिग्गज तक एक ही घर साझा करते थे। अपने करियर के शुरुआती दिनों में इयन बॉथम कहते थे कि विव रिचर्ड्स उनके भाई की तरह हैं। विव रिचर्ड्स भी उन्हें खास बताते थे। दोनों बाद अपने-अपने देश के लिए क्रिकेट खेले और सालों पहले रिटायर भी हुए। लेकिन दोनों की गहरी दोस्ती आज भी कायम है।