ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, Updated Thu, 23 Jul 2020 12:57 PM IST
नागपंचमी का पर्व हर वर्ष सावन मास की शुक्लपक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है। नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करने का विधान है। पुराने समय से ही हमारे देश में नागों की पूजा की जाती है, शास्त्रों में नागों को पाताल का स्वामी बताया गया है। भगवान शिव को नागों का देवता माना जाता हैं, वे अपने गले में वासुकी नाग धारण करते हैं,
इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का भी विधान है। भगवान विष्णु स्वयं भी शेषनाग पर विराजते हैं। कहा जाता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से नागदंश का भय नहीं रहता है। इस बार नागपंचमी 25 जुलाई को पड़ रही है, इस दिन दुर्लभ योग बन रहा है। जो कालसर्प दोष निवारण के लिए उपयुक्त है।