पेट्रोल
पेट्रोल बेस प्राइज़ 26.01 रुपए
सेंट्रल एक्साइज़ 32.98 रुपए
स्टेट वैट 22.41 रुपए
रोड सैस 1.50 रुपए
लाइसेंस फीस प्रति लीटर 19 पैसे
डीलर कमीशन पर वैट 1.27 रुपए
डीलर कमीशन 3.19 रुपए
कुल 87.55 रुपए
डीज़ल
डीज़ल बेस प्राइज़ 28.11 रुपए
सेंट्रल एक्साइज़ 31.83 रुपए
स्टेट वैट 16.78 रुपए
रोड सैस 1.75 रुपए
लाइसेंस फीस प्रति लीटर 16 पैसे
डीलर कमीशन पर वैट 62 पैसे
डीलर कमीशन 2.05 रुपए
कुल 81.30 रुपए
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट:
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बाद भी देश और प्रदेश में पेट्रोल, डीज़ल के भाव कम होने का नाम ही नहीं ले रहे. पेट्रोल, डीज़ल की कीमतों में वृद्धि से रोटी, कपड़ा और मकान सबकुछ महंगा हो चुका है. अब सवाल उठता है कि क्या पेट्रोल, डीज़ल की वास्तविक कीमत वही हैं. जो हम जेब से चुका रहे हैं या फिर इनमें भी केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कमाई का जरिया तय कर चुकी हैं. जी हां पेट्रोल, डीज़ल की वास्तविक कीमत हमारे द्वारा चुकाई जा रही कीमतों से तीन सौ प्रतिशत तक कम हैं. फिर क्या कारण है कि हमारी जेब से वास्तविक कीमतों से तीन गुना तक ज्यादा वसूला जा रहा है.
पेट्रोल की मूल कीमत:
इस सवाल का जवाब केंद्र और राज्य सरकारों के उन टैक्स में छुपा है जिसकी आम जनता को जानकारी नहीं. दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की भारतीय पॉकेट की कीमत 38 डॉलर प्रति बैरल तक है. इस कीमत से देश में पेट्रोल की मूल कीमत 26 रुपए एक पैसे है. इस पर केंद्र सरकार हमसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क के तौर पर प्रति लीटर 32 रुपए 98 पैसे वसूल रही है और राज्य सरकार 22 रुपए 41 पैसे. इसके अलावा रोड सैस, लाइसेंस फीस, डीलर कमीशन पर वैट और डीलर का कमीशन भी इसमें जोड़ दिया जाए तो पेट्रोल पर हम मूल कीमत के बाद 61 रुपए 54 पैसे प्रति लीटर ज्यादा दे रहे हैं.
राज्य सरकार ने बढ़ाया दो बार वैट:
इसी तरह डीज़ल की बेस प्राइस 28 रुपए 11 पैसे प्रति लीटर है जिस पर हमसे केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 53 रुपए 19 पैस तक टैक्स वसूल रहे हैं. कोरोना संकट के दौर में राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल पर दो बार वैट बढ़ाया है. प्रदेश में अब पेट्रोल पर 38 फीसदी और डीज़ल पर 30 फीसदी वैट है. अब बात रकें पड़ौसी राज्यों में पेट्रोल डीज़ल की तो हालत और खराब दिखाई देती है. हरियाणा, पंजाब, गुजरात और यूपी के मुकाबले राजस्थान में पेअ्रोल, डीज़ल पर टैक्स 10 रुपए तक ज्यादा है. इससे हमारे ट्रांसपोर्टर ही नहीं दूसरे राज्यों के ट्रांसपोर्टर भी डीज़ल राजस्थान की अपेक्षा पड़ौसी राज्यों से ले रहे हैं. इससे प्रदेश में पेट्रोलियम की बिक्री 50 फीसदी से ज्यादा गिरी है. उम्मीद की जानी चाहिए कि राज्य सरकार भी पड़ौसी राज्यों की तुलना में जल्द ही पेट्रोल, डीज़ल के दामों में प्रदेश की जनता को राहत देगी ताकि कोरोना संकट के दौर में आमजन को राहत मिल सके.